देहरादून–राष्ट्रीय प्रेस दिवस 16 नवंबर 2024 के अवसर पर सूचना आज तक के संपादक दीपक जुयाल जी ने बधाई देते हुए कहा कि प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है प्रेस एक समाज का आईना है और प्रेस की ताकत समाज को बदलने और नई रहा दिखाने का एक जरिया है आजादी के समय से लेकर अब तक भारत में प्रेस की बहुत बड़ी भूमिका रही है. आजादी की जंग के दौरान प्रेस भारत के क्रांतिकारियों का सबसे बड़ा हथियार रहा है।
भारत में पत्रकारिता के ऊंचे आदर्श स्थापित करने व प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने के उद्देश्य से 4 जुलाई 1966 को भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना की गई थी. राष्ट्रीय प्रेस दिवस 16 नवम्बर को मनाया जाता है,इस दिन भारतीय प्रेस परिषद ने एक स्वायत्त,संवैधानिक और अर्ध न्यायिक संस्था के रूप में कार्य शुरू किया था। प्रेस परिषद को प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने तथा यह सुनिश्चित करने की दोहरी जिम्मेदारी सौंपी गई है कि प्रेस अपनी स्वतंत्रता का प्रयोग पत्रकारिता की नैतिकता और हमारे देश के विधिक ढांचे के दायरे में करे। भारतीय प्रेस परिषद ने वर्षों के दौरान प्रेस की आजादी को बढ़ावा देने तथा समाचार माध्यमों में जनता का विश्वास और भरोसा पैदा करने की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
दीपक जुयाल जी ने शायर अकबर इलाहाबादी की मशहूर पंक्तियां को याद करते हुए प्रेस की ताकत क्या है अकबर इलाहाबादी जी की इन पंक्तियों से पता चलता है कि
‘खींचो न कमान, न तलवार निकालो जब तोप मुकाबिल हो तब अखबार निकालो.
सभी पत्रकार भाइयों को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई।