महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के सीट शेयरिंग में बाजी मार गए शरद पवार, कांग्रेस से लड़ती रह गई शिवसेना ( उद्धव ठाकरे)

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कई दिन के गतिरोध के बाद विपक्षी गठबंधन ने बुधवार को घोषणा की थी कि कांग्रेस, राकांपा (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) कुल 288 में से 85-85 सीट पर चुनाव लड़ेंगे तथा शेष सीट के लिए बातचीत जारी है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन से लेकर विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) में शामिल घटक दलों के बीच सीटों का तालमेल जारी है। अधिकांश तस्वीरें साफ हो चुकी हैं, लेकिन कुछ सीटों पर अभी बात बाकी है। एमवीए की बात करें तो इसमें शामिल शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार) और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का ऐलान हो चुका है। राज्य की 288 सीटों में से 255 सीटों के लिए सीट शेयरिंग का ऐलान हो चुका है। तीनें घटक दलों के खाते में अब तक समान रूप से 85-85 सीटें गई हैं। सीट शेयरिंग के फॉर्मूले का ऐलान करने से पहले कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच तकरार खुलकर सामने आई। दोनों दलों की लड़ाई का फायदा शरद पवार की पार्टी को मिलता दिख रहा है।

कांग्रेस और शिवसेना के बीच जारी इस लड़ाई के केंद्र बिंदु में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी है। दोनों दल चुनाव से पूर्व अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में हैं, ताकि नतीजे गठबंधन के पक्ष में आने पर इसके लिए दावेदारी ठोका जा सके। आपको बता दें कि सीएम बनने के लिए ही उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्ट (भाजपा) के साथ दशकों पुराना गठबंधन तोड़ लिया था। महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) की तरफ से उद्धव ठाकरे का नाम सीएम कैंडिडेट के तौर पर मजबूती से उछाला जा रहा है। वहीं कांग्रेस के पास इस पद के लिए कई दावेदार हैं। देश की सबसे पुरानी पार्टी को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में मिली शानदार सफलता का फायदा उसे विधानसभा के दंगल में भी मिल सकता है।

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